Monday, January 27, 2020

Saturn transit for Scorpio

जय माँ भवानी 🚩🙏

लग्नानुसार शनि का मकर राशि में गोचर का #प्रभाव एवं #उपाय

*वृश्चिक लग्न* 

अब बात करते हैं #वृश्चिक लग्न पर शनि के गोचर की।
सबसे पहले यह समझ लें कि वृश्चिक लग्न के लिए शनि शत्रु ग्रह है पर फिर भी आप देखेंगे की लग्न स्वामी #मंगल शनि की राशि मकर में उच्च का होता है तो कहीं ना कहीं यह दिखाता है कि #मेहनत करने वाले इंसान के लिए शनि का #संबंध सहयोग ही लाता है चाहे विलंब भले हो जाए ।

जहां मंगल है कर्म करने के लिए ऊर्जा और जोश  वही शनि है #कर्म  सिद्धांत तो आप इसे सीधा सीधा समझे कि यदि व्यक्ति कर्मशील है मेहनती है अपने कर्म के प्रति #ईमानदार है तो उसके लिए शनि सहायक होते हैं 
और जब तक कुंडली में शनि बहुत कमजोर होने पर व्यक्ति झूठ और बेईमानी के साथ चलने वाला न हो तब तक शनि उसके लिए सहयोगी ही रहेंगे ।

अब यहां पर हम देखते हैं कि वृश्चिक लग्न के लिए शनि तीसरे और चौथे भाव का स्वामी है तो इस से यह व्यक्ति के #बाहुबल का पराक्रम का और चतुर्थ भाव संपत्ति वाहन माता और जनता के सहयोग का हुआ।

तो इन्हीं भावों से संबंधित फलों में प्रभाव ज्यादा आएगा तो सबसे पहली बात कुंडली में शनि की स्थिति यदि अच्छी है और कहीं शनि उनका यहाँ स्वराशि का होकर बैठा है तो उनके लिए यह समय कार्यक्षमता को बढ़ाने का रहेगा।आपने कर्मक्षेत्र में आप अधिक सक्रिय होंगे।

पाप ग्रह का तृतीय भाव से गोचर शुभ परिणाम देने वाला होता है और अब शनि पाप ग्रह होकर तृतीय से स्वराशि होकर गोचरीय है तो इस भाव के बल को बढ़ाएगा।

तो सबसे पहले यह समझ लें कि यदि आप कर्मवीर हैं आलस को हावी नहीं होने देते ।अनुशासित दिनचर्या रखते हैं तो आपको इस गोचर पर केवल बताए गए उपाय के साथ चलना है फिर आपको #लाभ मिलेगा ।

और शनि की नकारात्मक लक्षण जैसे झूठ बोलना, आपनी जिम्मेदारी से भागना, दूसरों के साथ छल करना आप पर हावी हैं तो आपको इन कार्यों में समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

जहाँ यह भाव.स्थान परिवर्तन का है वहीं यात्राओं का भी है तो किसी प्रकार से स्थान #परिवर्तन का भी योग हो सकता है आपको आपने नौकरी में बदलाव करना पड़ सकते हैं यां आपने कार्य के लिए ही यात्राओं पर जाना पड़ सकता है।

इस पर आप देखेंगे कि यहाँ से यह शनि नवम भाव जो कि आपका #भाग्य भाव है उसे सीधा दृष्टि से प्रभावित कर रहा है और कर्क राशि भी प्रभावित हो रही है इसलिए आपने नैसर्गिक स्वभाव के कारण कहीं न कहीं यह कार्यों में देरी दे सकता है।मन को लेकर आप बहुत बार #उलझन में पड़ेंगे।

#शत्रु ग्रह होने कारण भी इस प्रभाव से भाग्य का साथ मिलने में आपको अभी कमी सी ही है ।
ऐसा लगेगा जैसे हर काम में बिना वजह रूकावटें यां #देरी हो रही है।

अगर ऐसी स्थिति में कहीं वृश्चिक वालों का चंद्र 🌙 कुंडली में कर्क यां वृश्चिक का हुआ यां शनि की नक्षत्र में हुआ तो आपने मनोबल का सबसे पहले ध्यान रखें ।

क्योंकि यदि शनि नुकसान करने पर आए तो मन को सबसे पहले लपेटे में लेता है तो यह वृश्चिक लग्न वालो के लिए सबसे पहला उपाय है कि चंद्र 🌝 को बल दें ।
किसी भी तरह से चंद्र पिड़ित वाले लोग इस समय को लापरवाही न बरतें।

तीसरी दृष्टि से पंचम भाव को देखते हुए यह शनि विवाहितों को संतान संबंधित भी कुछ चिंताएं दे सकता है।

👩‍💻विद्यार्थियों के भी यह समय ध्यान देकर चलने का रहेगा।शनि पंचम नवम दोनों को प्रभाव में लिए #शिक्षा संबंधित कार्यों में भी रोक लगाएगा यां आप जिस कोर्स यां क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं उस अनुसार कार्य नहीं बनेगा यां देरी से बनेगा अथार्त #मनमाफिक क्षेत्र में चयन संबंधित समस्या आपको महसूस हो सकती है।

आप लोगों के खर्चे इस समय में बढ़ सकते हैं।

पिता के स्वास्थ्य की चिंता इस समय में बन सकती है। पिता के साथ संबंधों को लेकर भी दिक्कत हो सकती है।😥

✈️यहाँ एक सहयोगी स्थिति उन के लिए बन सकती है जिनकी जन्म कुंडली में वृश्चिक लग्न होकर #तुला राशि का शनि है और वह विदेश जाने के इच्छुक हैं और इसके लिए प्रयास में लगे हैं तो उनके लिए यह समय लाभ देगा और #विदेश यात्रा के योग बनाएगा।

🕳️वृश्चिक लग्न वालों को इस समय में शनि संबंधित दान का नियम बनाए रखना चाहिए।

🌞सूर्य उपासना नियमित रूप से करते रहें।

📿रूद्राभिषेक कराएं।

🙏🚩आप लोग किसी निकट ज्योतिर्लिंग की यात्रा भी जब संभव हो सके करें।

📿शिवलिंग का नियमित दूध ,शहद और जल से अभिषेक करें और चंदन और चावल अर्पित करें।

💍कुंडली की जांच करवाकर उचित हो तो एक उत्तम मोती धारण करें।

🕳️काले,नीले और ग्रे रंगों को अधिक प्रयोग न करें।

🔸आपने नहाने के जल में एक चुटकी हल्दी डालें।

जय माँ 🚩🙏

Deepti Sharma

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